बस यूं ही ज़िन्दगी में बस यूं ही ज़िन्दगी में
जीत किसकी, नहीं पता ईमान उसने बेचा, मेरा क्या। जीत किसकी, नहीं पता ईमान उसने बेचा, मेरा क्या।
गरीब आदमी कब तक भूखा रहने वाला है आपको केवल समझने वाला ऊपर वाला है। गरीब आदमी कब तक भूखा रहने वाला है आपको केवल समझने वाला ऊपर वाला है।
मन में बहते झीलों को जब समुद्र समझा, तब अपने अंदर ख़ौफ़ का मंजर समझा मन में बहते झीलों को जब समुद्र समझा, तब अपने अंदर ख़ौफ़ का मंजर समझा
पर जिंदा रहकर भी किसी और के कभी होंगे नहीं। पर जिंदा रहकर भी किसी और के कभी होंगे नहीं।
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था